
Pixabay
Artificial Intelligence in Hindi: स्टीफन हॉकिन्स ने कहा था – (The Development of Full artificial Intelligence could spell the end of the Human race) अर्थात संपूर्ण आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास इंसानी वजूद को पूरी तरह खत्म कर सकता है। अब हम चौथी औद्योगिक क्रांति में प्रवेश कर रहे हैं। ये दौर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का है। क्वांटम कंप्यूटिंग से लेकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में कई बड़ी खोजें हो रही हैं। हम समय के उस कालखंड पर खड़े हैं, जहां मशीनों को इंसानी इंटेलिजेंस का एक्सपोजर दिया जा रहा है। इंसान के इसी कदम को लेकर बिल गेट्स, मैक्स टैगमार्क, एलन मस्क जैसे तकनीकी क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाले बड़े लोग काफी डरे हुए हैं। संभावना व्यक्त की जा रही है कि इस कदम से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इंसानों को बुद्धिमत्ता की दौड़ में पीछे कर सकता है।
Also Read: Metaverse in Hindi: क्या है मेटावर्स, जहां आप मना सकेंगे वर्चुअल हनीमून? – The Viral Posts
Artificial Intelligence in Hindi
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से तात्पर्य एक ऐसी कृत्रिम बुद्धिमत्ता से है, जो खुद के भीतर मौजूद डाटा को प्रोसेस करके अपने अनुभवों के आधार पर निर्णय लेने की क्षमता रखता है। आज छोटे स्तर मशीनों के भीतर इसी क्षमता का विकास किया जा रहा है। आज आपको बाजार में अमेजन के एलेक्सा, सीरी जैसे कई डिवाइस मिल जाएंगे, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तकनीक पर काम कर रहे हैं।
जॉन मैकार्थी ने उछाला था सर्वप्रथम एआई का टर्म
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के भीतर खास तरह के तकनीकी डिवाइसेस लगे होते हैं। इन्हीं की मदद से ये सूचनाओं को काफी तेजी से प्रोसेस करते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की टर्म को सर्वप्रथम साल 1955 में जॉन मैकार्थ ने उछाला था। इन्हें ही फादर ऑफ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नाम से जाना जाता है।
आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का विकास काफी छोटे स्तर पर हो रहा है। भविष्य में तकनीक के क्षेत्र में कई और नई खोजें होंगी, जिसका सीधा असर एआई के आने वाले नए वर्जन पर देखने को मिलेगा। इस कारण एआई पहले के मुकाबले ज्यादा सटीक ढंग से सूचनाओं को प्रोसेस करके एक सटीक निर्णय ले सकेंगे।
भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस साबित हो सकते हैं एक बड़ा खतरा
कई विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बड़ी मात्रा में सूचनाओं को एकत्र कर डाटा को प्रोसेस करके उतने ही बड़े परिणाम निकालने में सक्षम होंगे। ऐसे में अगर एआई के उद्देश्य जरा सा भी इंसानों के उद्देश्य से बेमेल होते हैं। इस स्थिति में इंसानी वजूद के लिए ये एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
जॉनी डेप और मोर्गन फ्रीमैन की एक लोकप्रिय फिल्म है ट्रांसेंडेंस। फिल्म में जॉनी डेप मरने से ठीक पहले अपने कॉनसियसनेस को इंटरनेट पर अपलोड कर लेते हैं। इसके बाद वो इंटरनेट पर मौजूद संपूर्ण डाटा के साथ खुद को सिमबायोसिस करते हैं। इसके कुछ समय बाद ही उस डाटा के सहारे वो एक बहुत बड़ा इम्पायर खड़ा करने लगते हैं।
गूगल के एआई डीप माइंड ने मात दी दुनिया के सर्वेश्रेष्ठ खिलाड़ी को
इसके अलावा साल 2017 में Alpha Go नामक गेम में गूगल के AI Deep Mind ने विश्व के सर्वेश्रेष्ठ खिलाड़ी को हरा दिया। कहा जाता है कि अल्फा गो गेम में इतने पॉसिबल मूव्स होते हैं, जितने इस ज्ञात ब्रह्मांड में एटम भी नहीं होंगे। इस गेम से जुड़े कुछ डाटा के बल पर एआई डीप माइंड ने दुनिया के सर्वेश्रेष्ठ खिलाड़ी को हरा दिया। इस दौरान जो विशेषज्ञ इस गेम को नजदीकी से देख रहे थे। उनके मुताबिक एआई करोड़ों पोसिबल मूव्स को एलिमिनेट करके ऐसे सटीक मूव्स को चल रहा था, जिसका कोई उत्तर सामने बैठे अल्फा गो के सबसे धुरंधर खिलाड़ी के पास नहीं था।
ऐसे में सोचिए उस डिस्टोपियन भविष्य के बारे में जब कभी किसी एआई पर इंसानी इतिहास का वो सारा ज्ञान आ जाएगा, जिसे हमने अपनी क्रमागत उन्नति में बटोरा है, तब क्या होगा? उस भविष्य में एआई मानव इतिहास के ज्ञान के दम पर क्या कुछ करने में सक्षम होगा? इसी वजह से कई लोग एआई के हो रहे विकास को लेकर काफी चिंतित हैं।
1 thought on “Artificial Intelligence in Hindi: क्या बुद्धिमत्ता की दौड़ में इंसानों को पीछे कर देगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस?”